आंखो के सफेद हिस्से की सुरक्षा के लिए उसके उपर एक ट्रांसपेरेंट लेयर होती है उसी को Conjunctiva केहते है. ये वायरस, बेक्टेरिया या एलर्जी की वजह से प्रभावित होता है तब कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) होता है,
यह एक तरह की एलरगी या इन्फेक्शन होता है और ये उस वायरस की वजह से भी होता है जिससे हमे आम तौर पर ज़ुखाम, सर्दी हो जाती है.
बेक्टेरीयल या वायरल आई फ्लु एक से दूसरे इंसान में फैलता है जबकी एलरजी वाला आई फ्लु इस तरह से नही फैलता, बारीश के मौसम में कंजक्टिवाइटिस की दिक्कते काफी आम हो जाती है.
वजह: बारीश के मौसम में नमी काफी बढ़ जाती है इससे वायरस जल्दी फैलता है. नमी होने की वजह इन्फेक्शन हमारे बीच लंबे वक्त तक रेहेता है, आखों को रगड़ने से कंजक्टिवाइटिस होने का खतरा बढ़ जाता है.
सिर्फ किसी आई फ्लू वाले इंसान की आखों में देख ने से कंजक्टिवाइटिस नही होता
और ये सिर्फ बच्चो को ही नहीं होता ये बड़ो को भी होता है
लक्षण-
(1) आखें हल्की लाल होने लगती है
(2) आखों से पानी आने लगता
(3) उसमें खुजली होने लगती है
(4) आखों में चिपचिपा पन आ जाता है.
(5) लाइट में देखने में दिक्कत होती है
क्या करे और कैसे बचा जाए:
1)कंजक्टिवाइटिस दो हफ्तों में खुद ब खुद ही ठिक हो जाता है
2)पानी को गर्म करे और फिर उसे ठंडा करके कोटन के कपडे से आंखो को हलके हलके पोछे
3) आंखो को ठंडे पानी से धीमे धीमे सिकाई करे
4) साबुन से हाथ धोते रेहने चाहिये
5) घर में साफ तौलिए, रूमाल का इस्तेमाल करे और साफ सफाई का ध्यान रखे.
6) जब तक आंखो में परेशानी मेहसूस हो कॉन्टैक्ट लेंस का इस्तेमाल न करे
7) बारिश में भीगने और पसीने से बचे
8)अगर आंखो में तेज़ दर्द,चुभन या लाल पन ज़्यादा होने लगे तो अपने डॉक्टर को ज़रूर दिखाए.