हेल्लो फ्रेंड्स आज ‘शक्ति के 48 नियम’ इस किताब का पीडीऍफ़ हम आप को प्रोविड करने वाले है जिस के ऑथर है “Robert Greene” “SHAKTI KE 48 NIYAM” किताब को डाउनलोड करने में किसी तरह की समस्या आ रही हो या लिंक काम न कर रही हो तो हमें कमेंट बॉक्स में या ईमेल के द्वारा सूचित करे
PDF Name | शक्ति के 48 नियम / the 48 laws of power in hindi |
File Type: | |
Genres | प्रेरक / Motivational, non-fiction, Self Help |
Total Pages: | 156 |
Author | Robert Greene / रॉबर्ट ग्रीन |
Language | हिंदी |
PDF Size: | 1.8 MB |
शक्ति के 48 नियम / 48 Laws of Power in Hindi PDF Download Link
Drop a note if the link isn’t functioning properly. Your feedback is much appreciated. Visit our site for addition
किताब का कुछ अंश:
विचार
मित्रों से सावधान रहें। मित्र बहुत जल्दी से ईर्ष्या करने लगते हैं, इसलिए वे आपको बहुत जल्दी धोखा भी देंगे। मित्र भविष्य में कष्ट का कारण बन सकते हैं। इसके बजाय अगर आप किसी पुराने शत्रु को काम पर रखेंगे, तो वह मित्र से ज़्यादा वफ़ादार होगा, क्योंकि उसे बहुत कुछ साबित करना है। दरअसल आपको शत्रुओं से नहीं, बल्कि मित्रों से डरना चाहिए। अगर आपका कोई शत्रु नहीं है, तो शत्रु बनाने के तरीके खोजें।
शक्ति की कुंजी
यह स्वाभाविक है कि ज़रूरत पड़ने पर हम अपने मित्रों को काम पर रखना चाहते हैं। यह दुनिया निर्मम है और आपके मित्र उसकी निर्ममता को कम करते हैं। इसके अलावा, आप उन्हें अच्छी तरह जानते भी हैं। मित्रों के होते हुए किसी अजनबी पर निर्भर क्यों रहें?
दिक्कत यह है कि अक्सर आप अपने मित्रों को उतनी अच्छी तरह से नहीं जानते हैं, जितना आपको लगता है। मित्र अक्सर बहस टालने के लिए आपकी हाँ में हाँ मिला देते हैं। आपको कष्ट न पहुंचे, इसलिए वे अपने अप्रिय गुण छिपा लेते हैं। आप जब मज़ाक़ करते हैं, तो वे थोड़ा ज्यादा हँसते हैं। चूंकि ईमानदारी और सच्चाई से मित्रता कीं मज़बूत नहीं होती है, इसलिए वास्तव में आपको यह पता ही नहीं होता कि आपके बारे में आपके मित्रों की असली भावनाएँ क्या हैं। मित्र आपके मुँह पर तो यही कहेंगे कि उन्हें आपकी कविता बहुत अच्छी लगती है, आपका गाना-बजाना बेहद पसंद है, आपके कपड़ों का चयन बेहद सुंदर लगता है-हो सकता है वे सचमुच आपकी तारीफ़ कर रहे हों, लेकिन प्रायः ऐसा नहीं होता है।
Kitab ka kuch ansh:
Vichaar
Mitron se savdhaan rahen. Mitra bahut jaldi se irsha karne lagte hain, isliye ve aapko bahut jaldi dhokha bhi denge. Mitra bhavishya mein kast ka karan ban sakte hain. Iske bajaye agar aap kisi purane shatru ko kaam par rakhein, toh woh mitra se zyaada wafadar hoga, kyonki use bahut kuch sabit karna hai. Darasal aapko shatruon se nahi, balki mitron se darna chahiye. Agar aapka koi shatru nahi hai, toh shatru banane ke tareeke khojein.
Shakti ki kunji
Yeh swabhavik hai ki zarurat padne par hum apne mitron ko kaam par rakhna chahte hain. Yeh duniya nirmanm hai aur aapke mitra uski nirmanmata ko kam karte hain. Iske alawa, aap unhein achhi tarah jaante bhi hain. Mitron ke hote hue kisi anjaan par nirbhar kyun rahen?
Dikkat yeh hai ki aksar aap apne mitron ko utni achhi tarah se nahi jaante hain, jitna aapko lagta hai. Mitra aksar bahas talne ke liye aapki haan mein haan mila dete hain. Aapko kast na pahuche, isliye ve apne apriya gun chhupa lete hain. Aap jab mazaak karte hain, toh ve thoda zyada hasta hain. Kyunki imaan-daari aur sachchai se mitrata ki majboot nahi hoti hai, isliye vaastav mein aapko yeh pata hi nahi hota ki aapke baare mein aapke mitron ki asli bhavnaayein kya hain. Mitra aapke munh par to yahi kehenge ki unhein aapki kavita bahut achhi lagti hai, aapka gaana-bajaana behad pasand hai, aapke kapdon ka chayan behad sundar lagta hai – hosakta hai ve sachmuch aapki tareef kar rahe hon, lekin prayah aisa nahi hota hai.