रश्मिरथी / Rashmirathi किताब के बारे में
“रश्मिरथी” हिंदी के महान कवी रामधारी सिंह दिनकर द्वारा लिखित एक खण्काडव्य है. “रश्मिरथी” का अर्थ होता है “सूर्य की सारथी” यह काव्य 1952 में प्रकाशित हुआ था. इस में पुरे 7 (सात) सर्ग है. इन सर्गो में कर्ण के चरित्र के सभी पक्षों का सजीव चित्रण किया गया है. रश्मिरथी में दिनकर ने कर्ण की महाभारतीय कथानक से ऊपर उठाकर उसे नैतिकता और वफादारी की नयी भूमि पर खड़ा कर उसे गौरव से विभूषित कर दिया है. रश्मिरथी में दिनकर ने सारे सामाजिक और पारिवारिक संबंधों को नए सिरे से जाँचा है. चाहे गुरु-शिष्य संबंधें के बहाने हो, चाहे अविवाहित मातृत्व और विवाहित मातृत्व के बहाने हो, चाहे धर्म के बहाने हो, चाहे छल-प्रपंच के बहाने.
पुस्तक का नाम | रश्मिरथी |
लेखक | रामधारी सिंह दिनकर |
---|---|
कुल पृष्ठ | 166 |
फाइल टाइप | |
भाषा | हिन्दी |
प्रकार | खण्काडव्य |
Pdf साइज़ | 584 KB |
“रश्मिरथी” रामधारी सिंह दिनकर खण्काडव्य IN हिन्दी PDF Download Link
Drop a note if the link isn’t functioning properly. Your feedback is much appreciated. Visit our site for addition
READ ONLINE Rashmirathi in hindi
“रश्मिरथी” BY रामधारी सिंह दिनकर पीडीऍफ़ फाइल डाउनलोड करने में किसी प्रकार की समस्या हो रही हो या लिंक काम ना कर रही हो तो हमें कमेंट बॉक्स में या फिर ईमेल के द्वारा सूचित ज़रूर करे. हम 24 घंटे के अन्दर इसे ठीक कर देंगे. “Rashmirathi” हिन्दी खण्काडव्य आप ऑनलाइन भी पढ़ सकते है, अगर ऑनलाइन फाइल दिखाई ना दे रदी हो तो हमें ईमेल के द्वारा बता दे, धन्यवाद्.