परीक्षा गुरू उपन्यास और उपन्यासकार के बारे में कुछ बाते
‘परीक्षा गुरू‘ हिन्दी का पहला उपन्यास था, जिसकी रचना भारतेन्दु युग के प्रसिद्ध नाटककार लाला श्रीनिवास दास ने 25 नवंबर, 1882 को की थी।
लाला श्रीनिवासदास जाति के वैश्य थे। उनके पिता का नाम लाला मंगलीलाल था। वे मथुरा के प्रसिद्ध सेठ लक्ष्मीचंदजी के प्रधान मुनीम थे। हालांकि, वास्तव में वे सेठजी के दीवान थे। वे दिल्ली की कोठी में काम करते थे और वहाँ निवास करते थे।
लाला श्रीनिवासदास का जन्म संवत् १६०८, सन् १८५९ में हुआ था। उनके बचपन से ही वे उत्कृष्ट शीलवान, सदाचारी और चतुर थे। उन्होंने शुरुआत में हिंदी और फिर उर्दू, फ़ारसी, संस्कृत और अंग्रेज़ी भाषाओं में अभ्यास किया और बहुत जल्द ही उत्कृष्टता प्राप्त की।
पुस्तक का नाम | परीक्षा गुरू / Pariksha Guru |
लेखक | लाला श्रीनिवासदास |
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कुल पृष्ठ | 320 |
फाइल टाइप | |
भाषा | हिन्दी |
प्रकार | उपन्यास, हिन्दी उपन्यास |
Pdf साइज़ | 104 MB |
परीक्षा गुरू / Pariksha Guru Hindi Upanyas PDF Download Link
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