Depression एक mental health disorder है,ये एक complex condition है जिसमे इन्सान का mood, thoughts, और daily life activities पर असर होता है.जिसमें इन्सान अंदर से दुखी और निराश हो जाता है इसमें इन्सान के अंदर रोज़ मर्रा की ज़िंदगी में खुश रेहने की क्षमता कम हो जाती है
Depression एक serious और sensitive issue है जो इन्सान की ज़िंदगी को disturb कर सकता हैं इस condition में इन्सान मेहसूस करने लगता है के उसकी ज़िंदगी बेकार है, और उसके पास कोई उम्मीद नहीं है इस condition में इन्सान को खुशी और सुकून का एहसास नहीं होता अक्सर उसे अपने आस पास की चीज़े पसंद नहीं आती, और अक्सर उदास और तनाव में रेहेता है.
Symptoms:
Depression के symptoms अक्सर अलग-अलग लोगो में अलग तरीके से दिखते है.मेने यहां जो symptoms लिखें है ये मुख्य symptoms हैं.
• निंन्द ना आना
• भुक की कमी
• थकान और कमज़ोरी मेहसुस होना
• ध्यान इधर उधर भटकना
• रोज़मर्रा के काम अन्जाम देने मे मुश्किल होना
• अकेला मेहसुस होना
• निरजीव और निराश मेहसुस होना
• suicidal thoughts का आनाetc.
Causes : Depression कई वजह से हो सकता है
1. Genetic Factors: कुछ लोगो को family history की वजह से depression हो सकता है. अगर किसी इन्सान के family में depression के मामले है तो उसको भी इस problem का खतरा होता हैं.
2. Chemical Imbalance: Depression की एक main वजह neurotransmitters जैसे serotonin, नोरेपिनेफ्रिन (norepinephrine) और dopamine के level मे असामान्यता है. इन chemicals का सही level दिमाग के mood और emotions को संतुलित रखने में मदद करता है.
3. Traumatic Experiences: भावनात्मक, शारीरिक या मानसिक रूप से traumatic घटना, जैसे की physical abuse, sexual abuse, death of a loved one, relationship issues,financial problems, या job loss, depression की वजह बन सकते है.
4. Medical Conditions: Depression कुछ medical conditions के साथ जुड़ा होता है, जैसे की chronic pain, diabetes, cancer, heart disease, thyroid problems, और hormonal imbalances.
5. Substance Abuse: Substance abuse, जैसे की drugs या alcohol का इस्तेमाल, depression को बढ़ाता है ये substances temporary relief provide कर सकते है, लेकिन लंबे वक्त तक इनका इस्तेमाल depression को बढ़ा सकता है.
6. Personal Factors: इन्सान के personality traits, जैसे की low self-esteem(आत्मविश्वास की कमी),excessive self-criticism(इन्सान बोहोत सख्ती से अपनी निन्दा करता है),pessimism(नकारात्मकता), perfectionism(पूर्णतावाद), और social isolation, भी depression की वजह बन सकते है.
SOLUTION
Depression को step by step समझने की कोशिश करते है, और हमे किस तरह से root level पर इसे ठीक करना पड़ेगा ये जानते है.हम Depression के couses को तीन levels में divide कर सकते है first body के level पर यानी (पेट)Second mind के level पर यानी (thoughts, thinking) और third brain के level पर यानी (neurotransmitters)
1)body के level पर: आयुर्वेद के मुताबिक “पेट” सारी बीमारियों की जड़ है इसलिए यहां हम specifically पेट की बात कर रहे है आप में से अक्सर ने ये experience किया होगा, पेट का direct connection है बुरा feel होने से, mood खराब होने से, सबसे पेहेले ये देखना है के हमारा पेट ठीक है या नहीं. अगर ठीक नही है तो किसी आयुर्वेदीक चिकीत्सक को बताना ज़्यादाह effective है.
genuine research के हिसाब से पेट की हेल्थ जैसे कि अच्छी डाइजेशन सही न्यूट्रिएंट्स की absorption का हमारे फिज़ीकल और मेंटल हेल्थ पर बहुत गहरा असर पड़ता है इसके साथ साथ डिप्रेशन भी हमारे मूड,थॉट्स और जनरल फंक्शनिंग पर असर डालता है जैसे की सेराटोनिन (serotonin) जो एक न्यूरोट्रांसमीटर (Neurotransmitter एक तरह का रासायनिक पदार्थ है) है सबसे ज्यादा पेट के अंदर बनता है सेराटोनिन मूड रेगुलेशन में मदद करता है पाचन तंत्र का हेल्थी ना होना और प्राकृतिक माइक्रोबायोटा का संतुलन बिगड़ नाया न्यूट्रिएंट्स की कमी जो सेराटोनिन के बनने के लिए जरूरी होता है उनकी कमी जैसे Tryptophan (जो एक अमीनो एसिड है), vitamin B6, Folate(vitamin B9) etc.body की fitness पर ध्यान दे routine को ठीक करे diet को ठीक करे.
2) अगर पेट ठीक है तो दुसरी मुख्य वज्हा है mind यानी हमारे “thoughts” और “thinking” अगर किसी आदमी की thinking गलत है तो उसे कितनी भी दवाइयां दे दो या कोई और तरीके से उसे ठीक करने की कोशिश कर लो वो ठीक नही हो सकता, क्यू की problem की जड़ वही की वही है, तो सब से पेहले हमे अपनी thinking को सही करना पड़ेगा, इस process में आप की बोहोत ज़्यादा help कर सकते है “professional psychologist(मनोविज्ञानी)” आप समझ सकते है की जो problem है वो क्या है उसका cause कहा पर है, हो सकता है proble बचपन में हो, हो सकता है कोई incident हो,कोई miss happening हो कुछ भी हो सकता है.वो phycologcal level पर problem को डायग्नोज करेंगे और analysis करेंगे और समझेंगे की problem क्या है.
You tube पे available free motivational sessions भी आप की thinking ko ठीक करने में बोहोत मदतगार साबित होंगे
या आप ये कर सकते हैं,कई बार ये होता है के अंदर ही अंदर कुछ रखा होता है तो अपने किसी भाई-बहन से किसी दोस्त से जिस पर भी आप trust कर सकते हैं खुलकर बात कर सकते हैं उसको आप बोलिए हो सकता है आपको हल्का महसूस हो या रों कर के भी आप हल्का महसूस कर सकते हैं.
3) आपने अपने पेट को ठीक कर लिया,डाइट को ठीक कर लिया, thought process को ठीक कर लिया फिर भी आपको suicidal thoughts आ रहे हैं तो आपको immediately किसी psychiatrist(मनोचिकित्सक) को contact करना चाहिए जो professional psychiatrist होते हैं वह diagnosed करेंगे हो सकता है problem barin में particular chemical जो release होने चाहिए but वो release नहीं हो रहे है तो आप चाहे जितना अच्छा सोच ले आप को बुरा ही fill होंगा Problem इन तीन levels पर ही होंगी जैसे ही आप इन levels पर काम करेंगे आप की depression की problem कई हद तक ठीक हो जाएंगी.
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