गोदान कहानी इन हिंदी | godan PDF by munshi premchand upanyas
हेलो दोस्तों आज की पोस्ट में हम गोदान प्रेमचंद उपन्यास PDF प्रोवाइड करेंगे (godan pdf in Hindi) मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित गोदान प्रेमचंद का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण उपन्यास है कुछ लोग गोदान उपन्यास को प्रेमचंद जी की सर्वश्रेष्ठ कृति भी मानते हैं. इसका प्रकाशन 1936 ई में हिन्दी ग्रंथ रत्नाकर कार्यालय मुंबई द्वारा किया गया था.
किताब का नाम | गोदान |
लेखक | मुंशी प्रेमचंद |
भाषा | हिंदी |
कुल पृष्ठ | 545 |
फाइल टाइप | |
Genres | उपन्यास |
Pdf साइज़ | 7.7 MB |
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गोदान
गोदान मुंशी प्रेमचंद का आखिरी और सबसे महत्वपूर्ण उपन्यास है. कुछ लोग इसे उनकी सर्वोत्तम कृति भी मानते हैं इसमें भारत के ग्रामीण जीवन और कृषि संस्कृति को दर्शाया गया है और इसमें प्रगतिवाद गांधीवाद और मार्क्सवाद की भी झलक देखने को मिलती है.
गोदान का हिंदी साहित्य के विकास में एक बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण योगदान है इस उपन्यास में भारत की एक ऐसी संस्कृति को दर्शाया गया है जो खत्म हो रही है या खत्म होने ही वाली है. इस उपन्यास की भाषा शैली इसके द्वारा उठाए गए कई सामाजिक मुद्दों और इसके द्वारा दिए गए कई संदेशों के कारण इसे कई जगह पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया गया है.
गोदान शब्द का मतलब है गौ या गाय का दान या फिर गाय का उपहार और इस उपन्यास की कहानी भी एक गाय के आसपास ही घूमती है. गोदान एक गरीब किसान होरी उसकी पत्नी धनिया और उनके परिवार पर आधारित एक उपन्यास है.
कहानी की शुरुआत होरी कि बाकी दूसरे करोड़ों छोटे किसानों की तरह एक गाय को पाने की इच्छा से शुरू होती है. उसे भोला नाम के इस व्यक्ति से गाय मिल भी जाती है पर बाद में गाय की मृत्यु हो जाती है और फिर इसके बाद होरी के जीवन में क्या-क्या घटनाएं घटती हैं गोदान की कहानी इसी पर आधारित है इस घटना के बाद होरी के परिवार की कठिनाइयां काफी बढ़ जाती हैं उन पर कर्जा भी बढ़ने लगता है, यह कहानी बहुत लंबी चलती है और अंत में होरी की मृत्यु पर ही खत्म होती है. प्रेमचंद ने इस कहानी प्रत्येक पहलू से आपके सामने रखा है. कहानी को हर एक किरदार के नजरिए से समझाया गया है. यह भी एक कारण है कि इस उपन्यास की लंबाई कुछ पांच सौ पन्नों के आसपास की है. इस उपन्यास के माध्यम से प्रेमचंद ने ग्रामीण जीवन और कृषि संस्कृति का चित्रण आपके सामने किया है वैसे तो सरल भाषा में लिखा गया इस उपन्यास की कहानी भी बहुत सरल है पर इसमें उठाए गए विषय काफी गंभीर है इसमें जमींदारों और सरकारों द्वारा छोटे किसानों की प्रताड़ना उनके कठिन और गरीबी भरे जीवन और कर्ज के बोझ तले दबने जैसे विषयों पर प्रकाश डाला गया है इसमें मुख्य कहानी के साथ ही हमे उस समय के बड़े लोगों, राजनेताओं, ज़मीदारों, प्रकाश को आदि के नगरीय जीवन को भी देखते हैं. इस उपन्यास में गरीबी और निराशा में भी खुश रहने और आशा ना छोड़ने की बात को बहुत ही सुंदर रुप से प्रदर्शित किया गया है और बुरे से बुरे समय में भी अपने आदर्श, ईमानदारी और जिम्मेदारियों को ना छोड़कर संघर्ष करते हुए किरदारों को दिखाया गया है.
यह काफी दिल छू लेने वाले संदेश और गंभीर विषय वाली किताब है यह एक तरह से एक भारतीय ग्रामीण जीवन के एक सामान्य आदमी की आत्मकथा है प्रेमचंद ने एक बहुत ही साधारण कहानी को भी काफी प्रभावी रूप से लिखा है.
यह उपन्यास प्रेमचंद का काफी सफल उपन्यास माना गया है और इस पर दूरदर्शन द्वारा एक टीवी सीरियल भी बनाई गई थी जो कि उस समय में काफी सफल रही थी आप आज भी इसे YouTube पर फ्री में देख सकते हैं. यह एक ऐसा उपन्यास है जो आपको उसी समय मिल जाता है और आप इसके पात्रों के जीवन को जीने लगते हो इसमें होरी और धनिया का किरदार भारत की ग्रामीण संस्कृति को दर्शाने वाले नायक और नायिका बन गए और प्रेमचंद ने इस उपन्यास को लिख कर हमारी लुप्त होती कृषि संस्कृति और ग्राम्य जीवन को अमर बना दिया है.
निष्कर्ष
कुल मिलाकर अगर आप किसी सरल और प्रभावी कहानी का मजा लेना चाहते हैं अगर पचास साठ के दशक के ग्रामीण और नगरीय जीवन का अनुभव करना चाहते हैं किसी किसान के जीवन की कठिनाइयों को समझना चाहते हैं या फिर हमारे भारत की धरोहर ग्रामीण संस्कृति के बारे में पढ़ना चाहते हैं उस समय के समाज को समझना चाहते हैं तो आपको मुंशी प्रेमचंद के गोदान पढ़नी चाहिए.