Self confidence बढ़ाने के आसन और प्रभावी तरीके

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संत कबीर दास जी का बोहोत ही मशहूर दोहा है:
मन के हारे हार है
मन के जीते जीत

मतलब जब हम किसी काम को शुरू करने से पेहले ही हार मान लेते है तो हमारी Goal को Achieve करने की possibilities भी कम हो जाती हैं,और अगर हम अपने उपर भरोसा करते है तो हमारी Goal को Achieve करने की possibilities भी बढ़ जाती है,हम सब की जिंदगी में वो पल ज़रूर आता है जब हम खुद पर और अपनी Skills पर Doubt करने लगते है,जब की वो Skill हमे आती है,और उस Doubt की वजह से हमे कामियाबी नही मिल पाती लेकिन अगर हम अपनी एक Skill को develop कर ले तो हम अपने Goals को Achieve कर सकते है,वो Skill है self confidence मतलब आत्मविश्वास,यही self confidence हमारे Career and Professional Growth में, Personal Relationships मे,Public Speaking and
Presentations मे लगभग हर जगाह हमारी Help करता है

What is Self confidence/”self-assurance”?
आत्मविश्वास क्या है ?
जैसे की इस word से ही इसका मतलब पता चलता है “खुद पर भरोसा”,”अपने आप पर भरोसा”,अपनी Abilities पर यकीन करना, ये काम में कर सकता हु ये भरोसा (जब की वो काम आप को आता हो) यहीं इसका Simple सा मतलब है
.

“The Negative Impact of Lacking Self-Confidence”
Self confidence की कमी के नकारात्मक परिणाम

Self confidence की कमी की वजह से डर,फैसला (Decision) लेने में दिक्कत, दूसरे लोगो के साथ Comparison, Insecurity, चुने हुए Goal को Achieve ना कर पाने की Possibilities बढ़ जाना और दूसरे से Comparison करने की वजह से अपने आप को नीचा समझने लगना Public Speaking ना कर पाना, हर काम करने से पेहले ये सोचना के लोग क्या सोचेंगे, अपने आप पर हमेशा Doubt करना इत्यादि परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

“Root Causes of Low Self-Confidence”
यहां कुछ बुनियादी वजह लिखे गए है
:

1) Comparison:

कुछ लोग अपना मूल्यांकन (evaluation) दूसरो से Compare करके करते है और इस वजह से अपने आप को नीचा समझने लगते है और इस से self confidence कम होता है.

2)Negative Experiences:

जब इंसान negative Experiences से गुजरता है जैसे नाकामियाबी,संघर्ष (conflict) या परेशानी, लोगो के Relatives के या घर वालो की तरफ से demotivate करने वाले ताने, और अगर ये बोहोत ही कम उमर में किसी के साथ हो तो उस इंसान में डर (fear), अपने उपर doubt पैदा हो जाता है.

3) Lack of Acceptance and Support:

हमारे आस पास के लोगो का भी Self confidence पर असर पड़ता है, अगर हमारे Family वाले या friends हमारे इरादो या सपनो को ना समझे और साथ ना दे तब भी self confidence कम हो जाता है

4) Emotional States:

Psychologist केहते है जब भी हम उदास,दुखी,चिंताग्रस्त या तनाव में होते है तब हमारा confidence कम हो जाता है.

5) Negative Thoughts और Negative Self talking से self confidence कम हो जाता हैं

6) Depression और Anxiety:

अवसाद और चिंता जैसे Mental Illnesses से गुज़रना भी हमारे Confidence को कम करता है

7) Body Language:

जिनका confidence low होता है उनकी Body Language भी Weak होती है जैसे– Eye contact कम करना, कम आवाज़ में बात करना, कंधों का झुका हुआ होना, इत्यादि

8) Self Esteem:

यानी स्वाभिमान या आत्मसम्मान की कमी, Self confidence और Self Esteem दोनो आपस में जुड़े हुए है अगर हमारे अंदर Self Esteem की कमी है तो हमारे Confidence पर भी इसका असर पड़ेगा

“Ways to Boost Self-Confidence”

1)Self Esteem को समझे:

Self confidence को बढ़ाने का पेहेला कदम है “Self Esteem”
Self Esteem (आत्म सम्मान) का simple meaning होता है खुद को देख ने का हमारा नज़रिया,self-perception या self-image, एक इंसान अपने बारे में क्या सोचता है,अपनी Worth जानना.अपनी सभी खूबियों को और कमज़ोरीयो को समझे और अपने आप को Accept करे “हर इंसान अलग होता है और सब की खूबियां,कमज़ोरीया भी अलग अलग होती है,आप भी अनमोल है आप कि ज़िंदगी भी अनमोल है” इस सोच को अपना कर अपने आत्म सम्मान को बढ़ाए.

2)अपने Goal को Set करे (निर्धारित करे):

अपने Aim को सही से Established करना Unshakeable self confidence के लिए ज़रूरी है सही और काबिल Aim का होना Self Respect को बढ़ाता है जिससे आप का Confidence बढ़ेगा

3) नए लोगो से मिले, नए Program’s, Activities में हिस्सा ले और अपने Comfort Zone से बाहर निकल कर नए Skills और अनुभव हासिल करे

4)खुद को Healthy रखे:

अपने Body और Mind दोनो को Healthy रखे,मन की शांति के लिए ध्यान का अभ्यास करे

5) Body Language:

जब भी हम Confident Feel नही कर रहे होते तब हमारी बॉडी खुद ही कम Space लेने लगती है और हम सूक कर बैठते या चलते है,और इसी के Opposite जब हम Confident Feel कर रहे होते है तब हमारी body ज़्यादा Space लेती है और हम फैल कर बैठते है.
हमे अपनी पीठ (Back) को Straight, बाज़ुओ (Arms) को Loose, कंधों (Shoulders) को Relaxed और wide Chest को open रखना चाहिए
जब भी हम किसी से बात करे तो हमारी पूरी body उनकी तरफ हो ताकी उनकी नज़र में हम ज़्यादा Confident लगे.
Body language पर हम अलग से एक detailed Article Post करेंगे.

6) Positive Self Talk Develop करे:

positive Self Talk Develop करने में वक्त लगता है,खुद से इस तरह बात कीजिए जैसे आप किसी अपने से बात करते है.
(a) अपने Thoughts पर नज़र रखे और जब भी negative thoughts आए उसे पकड़ कर Positive thoughts में बदल ने की कोशिश करे
जैसे अगर आप सोचते है “में कभी नहीं कर पाऊंगा” तो इसे बदल कर कहे “में ये कर सकता हु,मुझ में ये काबिलियत है”

(b) अपने Accomplishments (उपलब्धियों)को याद करे अपने पिछले Achievements और challenges को याद करके खुद को Motivate करे

(c) positive affirmations का इस्तेमाल करे जैसे की खुद को बोलना के “में Capable हु”

(d) Negative language और Self Criticism से बचे, हमेशा खुद को Blame ना करे, अपने self talk में negative words का इल्तेमाल कम करे

(e) Positive लोगो के Surround में रहे और उनकी positive Vibes ले इससे आपके Self talk में positivity आएंगी.

7)खुद से प्यार करे (Self Love):

Selfish होने में और Self Love में फर्क है selfish इंसान हमेशा अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए दूसरो का इस्तेमाल करता है जबकि self love इससे अलग है, खुद से प्यार करना यानी अपने सही विकास और खुशियों के लिए ज़िम्मेदार होना अपने आप को Accept करना शामिल है इसमें इंसान दूसरो को मदद करता है ना की अपने फायदे के लिए दूसरो का इस्तेमाल करता है.

Identifying Negative Comparison and finding solutions

Comparison का positive Benefit भी हमारे life में होता है जैसे दूसरो की कमियाबी से या Achievements से Inspiration लेकर अपने आप को Improve कर सकते है यानी दूसरो को प्रेरणा स्त्रोत (Source of Inspiration) के रूप में देखे ना की Competitor के रूप में
ये comparison हमे अपना Goal set करने में भी मदद करता है, comparison से हम अपने कमज़ोर और मज़बूत पेहलुओ को पेहचान सकते है.
लेकिन Negative Comparison आप के confidence को कम करता है जो Silent Trap है Self Doubt को बढ़ाने का

Comparison हमारे अंदर क्यू पैदा होता है ?
(1) Social Impact: Society (समाज) में Competition और Success की भावना है हम अपने आप को दूसरो के साथ Measure करते है,जैसे की उनकी Achievements, possession और External Appearances से

(2) Media Impact: media, social media और advertising ki वजह से हमारे सामने रोज़ नए Standard और ideal images आते है.ये हमारे मन में एक unrealistic expectation create करते है.जिससे हम अपने आप को दूसरो से compare करते है

(3) Self worth की तलाश: कई लोग अपनी self worth को external factors पर depend करते है,जैसे की दूसरे लोगो का approval, social status और material possessions इस तलाश में आप अपने आप को दूसरे लोगो से compare करते है और अगर उनसे कम लगते है तो आप का Self Esteem और self confidence कम हो जाता हैं.

(4) insecurity और jealousy: अगर हम दूसरे लोगों के Success और Achivements को देखकर insecure feel करते हैं तो हम उनसे compare करने की tendency दिखा सकते हैं यह हमारे mind में negative thoughts और emotions create करते हैं.

Comparison की tendency को दूर कैसे करे?

1. Self-Awareness:

Comparison की tendency को recognize करे और अपने thoughts और emotions को observe करे. अपने आप को दूसरे लोगो से compare करते वक्त, अपने mind को redirect करे और अपनी खुद की journey, strengths और accomplishments पे focus करे.

2. Gratitude Practice:

हर रोज़ gratitude practice करे, जिसमे आप अपने blessings और positive aspects पे ध्यान दे. ये आपको अपने आप को appreciate करने और comparison के negative effects से बचाने में मदद करेगा.

3. Self-Acceptance:

अपने आप को पूरी तरह accept करे, flaws और imperfections के साथ. समझे की हर इंसान अलग है और हर कोई अपने तरीके से unique है. खुद को self-love और compassion से treat करे.

4. Goals और Values:

अपने खुद के personal goals और values को define करे और उनपर focus करे. Comparison से बचने के लिए, अपने success और progress को दूसरे लोगो के साथ compare करने के बजाए, अपने goals और values के साथ align रखे.

5. Limit Media Exposure:

Social media और unrealistic standards को कम से कम इस्तेमाल करे. अपने social media feed को systematic करे, और उन्हें follow करे जो आपको positivity और inspiration देते है. अपने achievements और progress पे focus करे, ना की दूसरे लोगो के glamorous images पे.

6. Self-Celebration:

अपने accomplishments(उपलब्धि), छोटे या बड़े, को celebrate करे. खुद को rewards दे और अपनी hard work और achievements को acknowledge करे. ये आपके self-esteem और confidence को boost करेंगा.

7. Surround Yourself with Positive Influences:

Positive और supportive लोगो के साथ अपना वक्त बिताए. Inspiring mentors, friends और family के साथ connect रहे, जिन्होंने अपनी खुद की journey में struggles और successes को face किया है.

8. Mindfulness aur Meditation:

Mindfulness और meditation practice करे, जिससे आप अपने thoughts और emotions को observe और manage कर सके. ये आपको present moment पे focused और comparison से free रखेगा.

conclusion:

ये practices और mindset shifts आपको comparison की tendency से निजात दिलाने में मदद करेंगे. धीरे-धीरे, आप अपने self-worth को internal factors पे base karenge अपनी खुद की journey mein खुश और confident feel कर पाएंगे. अगर problem ज़्यादा गेहरी है और आपको इससे बोहोत परेशानी हो रही है, तो professional counseling और support का इस्तेमाल भी कर सकते है.

important है की हम अपने आप को दूसरे लोगो से compare करना कम करे और अपनी खुद की journey, strengths, और achievements पे focus करे. हर इंसान unique individual, valuable है.हम अपने आप को समझे और self-acceptance की ओर बढ़े, जिससे हमारी happiness और self-confidence बढ़ेगा.

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