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PDF Nameडीप वर्क / DEEP WORK IN HINDI
File Type:PDF
Genresप्रेरक / Motivational, non-fictionSelf Help
Total Pages:240
AuthorCal Newport / कैल न्यूपोर्ट
Languageहिंदी
PDF Size:3.65 MB

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पुस्तक का विवरण :

नेट सिल्वर, डेविड हैनसन और जॉन डॉएर की सफलता

सन 2012 के चुनावों का दिन जैसे-जैसे करीब आ रहा था, न्यूयॉर्क टाइम्स की वेबसाइट पर ट्रैफिक बढ़ता जा रहा था। राष्ट्रीय महत्त्व के मौकों पर यह एक सामान्य बात है। हालाँकि इस बार मामला ज़रा अलग था। इस ट्रैफिक का एक बड़ा हिस्सा – कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार करीब 70 फीसदी से भी ज़्यादा – वेबसाइट के एक विशेष पेज को विजिट कर रहा था, जो अपने आपमें हैरानी की बात थी। ऐसा नहीं था कि इस पेज पर देश की सबसे बड़ी खबर छपी हो या किसी पुलित्ज़र पुरस्कार विजेता लेखक की टिप्पणी प्रकाशित हुई हो। बल्कि यह तो बस एक ब्लॉग पेज था, जिसे चलानेवाले का नाम था नेट सिल्वर । वे बेसबॉल के आँकड़ों की गहन जानकारी रखनेवाले व्यक्ति थे, पर अब उन्होंने चुनाव के
का पूर्व अनुमान लगाना शुरू कर दिया था। इसके बाद एक साल से भी कम समय के भीतर ई. एस. पी. एन. और ए. बी. सी. न्यूज ने नेट सिल्वर को एक बड़ा प्रस्ताव देकर न्यूयॉर्क टाइम्स से छीन लिया ( हालाँकि न्यूयॉर्क टाइम्स ने सिल्वर को अपने संस्थान में रोकने के लिए दस लेखकों का स्टाफ उपलब्ध कराने की पेशकश भी की, जो ब्लॉग चलाने में उनकी सहायता करता पर फिर भी बात नहीं बनी)। ई. एस. पी. एन. और ए. बी. सी. न्यूज ने सिल्वर को जो प्रस्ताव दिया था, उसमें उन्हें खेलकूद से लेकर मौसम तक और नेटवर्क न्यूज सेगमेंट से लेकर एकेडमी अवॉर्ड्स के टेलीकास्ट तक, हर मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का मौका मिल रहा था। हालाँकि नेट सिल्वर द्वारा व्यक्तिगत तौर पर तैयार किए गए, हाथ से चलनेवाले मॉडल्स के कार्यप्रणाली की कठोरता बहस का विषय है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो इस बात से इनकार करते हैं कि यह 35 वर्षीय डाटा- विशेषज्ञ सन 2012 में हमारी अर्थव्यवस्था में एक विजेता बनकर उभरा था।

Pustak Ka Vivaran:  Net Silver, David Haneson aur John Doe ki safalta, san 2012 ke chunaavon ka din jaise-jaise kareeb aa raha tha, New York Times ki website par traffic badhta ja raha tha. Rashtriya mahatva ke maukon par yah ek samanya baat hai. Haalanki is baar mamla zara alag tha. Is traffic ka ek bada hissa – kuch reports ke anusaar kareeb 70 fisadi se bhi zyada – website ke ek vishesh page ko visit kar raha tha, jo apne aap mein hairani ki baat thi. Aisa nahin tha ki is page par desh ki sabse badi khabar chipi ho ya kisi Pulitzer puraskar vijeta lekhak ki tippani prakashit hui ho. Balki yah to bas ek blog page tha, jise chalanewale ka naam tha Net Silver. Ve baseball ke ankaadon ki gehna jaankari rakhnewale vyakti the, par ab unhone chunaav ke pehle anuman lagana shuru kar diya tha. Iske baad ek saal se bhi kam samay ke bheetar ESPN aur BBC News ne Net Silver ko ek bada prastaav dekar New York Times se cheen liya (haalanki New York Times ne Silver ko apne sansthan mein rokne ke liye das lekhakon ka staff uplabdh karane ki peshkash bhi ki, jo blog chalane mein unki sahayata karta par phir bhi baat nahin bani). ESPN aur BBC News ne Silver ko jo prastaav diya tha, usmein unhein khelkood se lekar mausam tak aur network news segment se lekar Academy Awards ke telecast tak, har mamle mein mahatvapurna bhoomika nibhane ka mauka mil raha tha. Haalanki Net Silver dwara vyaktigat taur par taiyar kiye gaye, haath se chalanewale models ke karyapranali ki kathorata bahas ka vishay hai. Lekin kuch log aise bhi hain, jo is baat se inkar karte hain ki yah 35 varshiya data-visheshgya san 2012 mein hamari arthavyavastha mein ek vijeta bankar ubhara tha.

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