चित्रलेखा उपन्यास के बारे में

चित्रलेखा उपन्यास भगवतीचरण वर्मा द्वारा लिखा गया हिंदी का प्रसिद्ध  है. यह उपन्यास उनकी कीर्ति का अक्षय स्तंभ है. इस का प्रकाशन सन 1934 ई. में हुआ था. इससे पहले सन 1928 ई. में लेखक का पहला उपन्यास “पतन” प्रकाशित हो चूका था. 

चित्रलेखा उपन्यास में लेखक ने पाप-पुण्य की समस्या का समाधान प्रस्तुत करने का प्रयास किया है. इस उपन्यास के प्रमुख पात्र है विशालदेव, रत्नाम्बर गुरु, श्वेतांक, बीजगुप्त, कुमारगिरि इस उपन्यास की नायिका चित्रलेखा है. 

चित्रलेखा उपन्यास का आरंभ महाप्रभु रत्नाम्बर और उनके दो शिष्यों श्वेतांक और विशालदेव से होता है. रत्नाकर दोनों शिष्यों को पता लगाने के लिए कहते है की “पाप क्या है? तथा पुण्य किसे कहते है?” महाप्रभु कहते है तुम्हे इसके लिए दो लोगो की सहायता लेनी होंगी एक योगी है जिसका नाम कुमारगिरि है और दूसरा भोगी है जिसका नाम बीजगुप्त है. महाप्रभु रत्नाम्बर ने उनकी रुचियों को देखते हुए श्वेतांक को बीजगुप्त के पास और विशालदेव को योगी कुमारगिरि के पास भेज दिया. एक वर्ष बाद महाप्रभु रत्नाम्बर ने उन्हें अपने-अपने अनुभवों के साथ वापस वही मिलने को कहते है.

पुस्तक का नामचित्रलेखा / Chitralekha
लेखकभगवतीचरण वर्मा
कुल पृष्ठ135
फाइल टाइपPDF
भाषाहिन्दी
प्रकारउपन्यास
Pdf साइज़4.83 MB

चित्रलेखा | Chitralekha Hindi Upanyas PDF DOWNLOAD

चित्रलेखा उपन्यास pdf / Chitralekha उपन्यास IN हिन्दी PDF Download Link

कॉपीराइट उल्लंघन के कारण डाउनलोड लिंक को हटा दिया गया है आप हमारे टेलीग्राम ग्रुप से इस किताब को डाउनलोड कर सकते है.

Drop a note if the­ link isn’t functioning properly. Your feedback is much appre­ciated. Visit our site for addition

चित्रलेखा उपन्यास PDF फाइल डाउनलोड करने में किसी प्रकार की समस्या हो रही हो या लिंक काम ना कर रही हो तो हमें कमेंट बॉक्स में या फिर ईमेल के द्वारा सूचित ज़रूर करे. हम 24 घंटे के अन्दर इसे ठीक कर देंगे. Chitralekha Upanyas आप ऑनलाइन भी पढ़ सकते है, अगर ऑनलाइन फाइल दिखाई ना दे रदी हो तो हमें ईमेल के द्वारा बता दे, धन्यवाद्.

Leave a Comment

Optimized by Optimole